शनिवार, जून 09, 2007

विरोध के बावजूद युवती ने प्रेमी संग रचाई शादी

मुजफ्फरनगर। भाई के साथ बाजार जाने के बहाने घर से निकली युवती ने अपने प्रेमी के घर पहुंचकर उससे शादी रचा ली। फेरे सम्पन्न होते ही प्रेमी युगल को युवती के पिता का डर सताने लगा। दोनों ने एसएसपी से मुलाकात कर जान की रक्षा की गुहार लगाई है। एसएसपी ने नगर कोतवाली पुलिस को दोनों को सुरक्षा देने के निर्देश दिए हैं। मोहल्ला प्रेमपुरी निवासी नेहा गोयल पुत्री मधूसुदन गोयल ने वकालत की डिग्री ले रखी है और फिलहाल एमबीए की तैयारी कर रही है। इस सिलसिले में वह मोहल्ला पंचमुखी निवासी शलभ शर्मा पुत्र श्याम सुंदर शर्मा के पास ट्यूशन पढ़ने जाया करती थी। शलभ ने भी वकालत की पढ़ाई कर रखी है और अपना कोचिंग इंस्टीट्यूट चलाता है। ट्यूशन पढ़ने के दौरान ही दोनों में प्यार का अंकुर फूटा और उन्होंने आपस में शादी की योजना बना डाली। शलभ के अधिवक्ता पिता ने इस शादी के लिए हामी भर दी। नेहा के पिता मधूसुदन गोयल का केमिकल का कारोबार है और व्यापारियों के बीच उनकी अच्छी हैसियत भी है। अपनी ऊंची आर्थिक हैसियत के मद्देनजर मधूसुदन और उनकी पत्नी कमलेश ने इस शादी के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। परिजनों की नाराजगी से बेपरवाह नेहा शुक्रवार की सुबह छोटे भाई को कपड़े खरीदवाने के बहाने घर से निकली। रास्ते में भाई को अपने मामा के घर छोड़ती हुई वह शलभ के घर पहुंच गयी। पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार वहां दोनों ने हिन्दू रीति-रिवाज के अनुसार शादी कर ली। फेरे सम्पन्न होते ही कुछ खास लोगों की सलाह पर दोनों ने दूल्हा और दुल्हन का लिबास उतार दिया और एसएसपी के पास फरियाद लेकर पहुंच गये। नेहा ने एसएसपी को एक प्रार्थनापत्र दिया, जिसमें उसने मां-बाप से अपनी और पति की जान को खतरा बताते हुए सुरक्षा की गुहार लगायी। दोनों ने अपने बालिग होने का प्रमाणपत्र भी कप्तान को पेश किया। एसएसपी ने नगर कोतवाल राजेश चौधरी को दफ्तर में बुलाया और प्रेमी युगल को सुरक्षा प्रदान करने के निर्देश दिए। कोतवाल प्रेमी युगल को अपने साथ नगर कोतवाली ले आए। इसके बाद युवती की मां कमलेश और पिता मधूसुदन गोयल को भी फोन कर बुला लिया। कोतवाली पहुंचकर दोनों ने बेटी को समझा-बुझाकर घर ले जाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं मानी। कोशिश बेकार होने पर उन्होंने बेटी को काफी भला-बुरा कहा और उससे सारे रिश्ते-नाते तोड़ लेने की सौगंध खाते हुए वहां से चले गए। नगर कोतवाली पुलिस ने बाद में दोनों को अपनी सुरक्षा में शलभ के घर पहुंचा दिया। घर जाने से पहले नेहा और शलभ दोनों ने मरते दम तक एक-दूसरे का साथ नहीं छोड़ने का वायदा भी किया।

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